वो परिवार की लाडली बहू थी. 7 साल पहले शादी हुई थी, दो बच्चे भी थे. व्यवहार ऐसा था कि पूरा परिवार उसे बेहद प्यार करता था. उसके ऊपर परिवार के लोगों को भरोसा ऐसा था कि जब उसके पति की हत्या हुई तो पुलिस को उससे पूछताछ तक नहीं करने दी गई. लेकिन कहते हैं ना कि इश्क और मुश्क छुपाए नहीं छुपता. इस घटना में भी कुछ ऐसा ही हुआ, पांच महीने बाद ही जब मामले का खुलासा हुआ तो परिवार क्या, पास पड़ोस और पुलिस वाले भी हैरत में पड़ गए. हर कोई यह सोचने को मजबूर हो गया ऐसा भी होता है क्या.
यह कहानी राजस्थान के भरतपुर जिले में नूंह गांव की है. चिकसाना थाना क्षेत्र के इस गांव में रहने वाले पवन शर्मा की हत्या 29 मई 2022 की रात में हो गई थी. लेकिन बॉडी पुलिस को नहीं मिली. काफी खोजबीन के बाद पुलिस ने इस ब्लांड मर्डर केस मान लिया. इस बात को धीरे धीरे पांच महीने बीत गए और परिवार के लोग भी सबकुछ भुलाकर सामान्य जीवन जीने लगे. फिर आई 16 अक्टूबर 2022 की तारीख. उस रात पवन के पिता हरिप्रसाद शर्मा को नींद नहीं आ रही थी. वह कमरे से निकलकर आंगन में टहलने लगे. उन्होंने देखा कि रात के दो बज रहे हैं और अब तक बहू के कमरे की लाइट जल रही है. यही नहीं, बहू के कमरे से कुछ अजीब आवाजें भी आ रही है.
ऐसे में उन्हें शक हुआ और खिड़की से झांककर देखा तो उनकी बहू रीमा और पड़ोसी का बेटा भोला आपत्तिजनक हालत में थे. रामप्रसाद ने दरवाजा खटखटाया और बहू तथा भोला को खूब लताड़ लगाई. उस समय भोला ने रामप्रसाद शर्मा को धमकी दी कि वह इस घटना के बारे में किसी से भी कुछ कहेंगे तो उनका भी वही हाल होगा, जो उनके बेटे का हुआ. धमकी सुनकर रामप्रसाद उस समय तो चुप हो गया और भोला भी वहां से चला गया, लेकिन सुबह होते ही रामप्रसाद ने पुलिस को इस घटनाक्रम के बारे में बताया. चूंकि पवन हत्याकांड में पुलिस को पहले से शक था, इसलिए बिना देरी किए पुलिस ने रीमा और भोला को उठा लिया और कड़ाई से पूछताछ की. फिर तो जो खुलासा हुआ, उसे सुनकर हर कोई हैरान परेशान और बेचैन हो गया.
पूछताछ में रीमा ने बताया कि जून 2015 में उसकी शादी उससे 14 साल बड़े पवन के साथ हुई थी. उस समय पवन दिल्ली की किसी फैक्ट्री में नौकरी करता था. शादी के बाद उसे एक बेटा कार्तिक और एक बेटी कृतिका भी पैदा हुए, लेकिन कहीं ना कहीं शराब पीने का आदी पवन उसे संतुष्ठ नहीं कर पा रहा था. शादी के कुछ दिन बाद पवन रीमा को लेकर दिल्ली आ गया और यहां गांव के ही युवक भोला का उसके पास काफी आना जाना हो गया. रीमा ने बताया कि जब पवन पर काम पर चला जाता तो भोला उसके पास आ जाता. धीरे धीरे दोनों में संबंध बन गए. इसी दौरान कोविड शुरू हो गया और पवन रीमा को लेकर अपने घर चला आया. बावजूद इसके रीमा का मन तो भोला में ही लगता था.
पूरे परिवार को देती थी नींद की गोली
रीमा ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि जब भी भोला से मिलने की इच्छा होती, वह भोला को मैसेज कर देती और उसके आने से पहले अपने घर वालों के खाने में नींद की गोली डालकर सुला देती थी. फिर सुबह होने से पहले भोला को निकाल देती थी. चूंकि भोला दिल्ली से सीधा पवन के घर आता और वहीं से वापस दिल्ली लौट जाता था, इसलिए किसी को शक भी नहीं होता था. 29 मई 2022 की रात भी इसी तरीके से भोला और रीमा कमरे में आपत्तिजनक हालत में थे. संयोग से इसी दौरान बगल में सोए पवन की नींद खुल गई और परिस्थिति को देखकर वह बौखला गया. वह रीमा और भोला से मारपीट करने लगा. इतने में रीमा ने उसका पैर पकड़ा और भोला ने गला घोंट दिया.
पत्थर बांध कर नहर में डाल दिया था शव
जब दोनों को लगा कि पवन की मौत हो चुकी है तो भोला ने अपने दोस्त दीप की मदद से पवन को कपड़े में लपेटा और बाइक पर रखकर करीब आधा किमी दूर ले जाकर उसके शव में एक 50 किलो वजन का पत्थर बांधकर नहर में डाल दिया था. इसके बाद वह वहीं से दिल्ली चला गया. इधर, घर में रीमा ने साफ सफाई कर दी. सुबह होने पर जब पवन की खोजबीन शुरू हुई तो रीमा ने कह दिया कि वह साथ में सोए थे, लेकिन देर रात अचानक उठकर बाहर गए और अब तक वापस नहीं लौटे. हालांकि उसके बयान में झोल था, पुलिस को शक भी हो गया, लेकिन रामप्रसाद के भरोसे के चलते उस समय पुलिस रीमा से पूछताछ नहीं कर पायी थी. अब पूछताछ हुई तो पूरा घटनाक्रम सुन कर एक बार पुलिस भी सन्न रह गई.